इंडेक्स और शेयर ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
शेयर ट्रेडिंग वह है जब आप किसी विशिष्ट कंपनी के शेयर ट्रेड करते हैं। शेयरों की कीमत निवेश कंपनियों द्वारा पेचीदा तकनीकों का उपयोग करके कंपनी की मूल्यांकन के बाद निर्धारित की जाती है। एक बार मूल्य निर्धारित होने के बाद, वे मूल्य और निकटतम कीमत तय करते हैं जिस पर शेयरों की पेशकश की जाएगी।
शेयर ट्रेडिंग में आप शेयर CFD भी ट्रेड कर सकते हैं, लेकिन आप शेयर ट्रेडिंग के मामले में हमेशा किसी विशिष्ट कंपनी के शेयर पर ही ट्रेड कर रहे होंगे।
दूसरी ओर, इंडेक्स ट्रेडिंग कई शेयरों के संग्रह का ट्रेड है जो एक ही इंस्ट्रूमेंट के जरिए इंडेक्स बनाते हैं। इंडेक्स स्टॉक की एक बास्केट को ट्रैक करता है जो पूरे स्टॉक मार्केट (जैसे S&P500) के समग्र प्रतिनिधित्व के इंडिकेटर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है या वे स्टॉक एक्सचेंज जैसे प्रौद्योगिकी (NASDAQ) के एक विशिष्ट सेगमेंट हो सकते हैं।
कौन से कारक शेयर बाजार के सूचकांकों की कीमतों को प्रभावित करते हैं?
किसी इंडेक्स का मूल्य कई कारकों से प्रभावित हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:
कंपनी के वित्तीय परिणाम – किसी कंपनी की लाभ और हानि शेयर की कीमत पर प्रभाव डालेंगे जो कि इंडेक्स के मूल्य पर प्रभाव डाल सकता है। जिन इंडेक्स में भारित औसत होता है, उनमें सबसे बड़े घटकों की परफॉरमेंस का अधिक असर होता है।
राजनीतिक समाचार – चुनाव, युद्ध, जनमत संग्रह, और कोई भी महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना इंडेक्स के मूल्य पर असर डालती है।
कंपनी की घोषणाएं – कंपनी की लीडरशिप में परिवर्तन या संभव विलय शेयर की कीमत पर असर डालेंगे, जो कि इंडेक्स के मूल्य पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
इंडेक्स की संरचना में परिवर्तन – जब कंपनियों को जोड़ा या निकाला जाता है,तो भारित इंडेक्स का मूल्य बदल जाता है, क्योंकि ट्रेडर्स नई संरचना के लिए अपनी स्थिति को समायोजित करते हैं।
कमोडिटीज़ की कीमतें – कमोडिटी की कीमतों में कोई भी उतार-चढ़ाव इंडेक्स के मूल्य पर असर डाल सकता है। उदाहरण के तौर पर, FTSE 100 पर सूचीबद्ध 15% शेयर कमोडिटी स्टॉक हैं, जिसका अर्थ है कि कमोडिटी बाजार में कोई भी उतार-चढ़ाव इंडेक्स के मूल्य में असर डाल सकता है।
निवेशकों की भावनाएँ, सेंट्रल बैंक की घोषणाएँ, पेरोल रिपोर्ट या अन्य आर्थिक घटनाएँ भी इंडेक्स के मूल्य मेंउतार-चढ़ाव ला सकती हैं।